Baap : Worth Reading

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Nice write up,seen somewhere -बाप टेंढे होते हैं । लंबे समय तक वो बाप ही बने रहते हैं, पिता नहीं बन पाते । उनके अंदर की लौंडई ये मानने को तैयार ही नहीं होती कि उनका समय बीत रहा है । उन्हें अब बाप बनना छोड़ कर पिता बन जाना चाहिए । दूसरी तरफ बड़े होते बेटे भी खुद को बाप से कम नहीं समझते । उनका पहला कंप्टीशन अपने ही बाप से होता है । उनके किस्से सुनते हुए बड़े होते हैं और उनके झूठ-सांच में पड़ कर सोच लेते हैं कि हमको तो इनसे भी बड़ा रंगबाज बनना है । 

फिर समय आता है जब बाप नर्म पड़ने लगते हैं और बेटों की गर्मी लोहा पिघलाने का दम भरने लगती है । अंदर जल रही भट्ठी का ताप धीरे धीरे पिता बन रहे बाप महसूसिया सकते हैं लेकिन कुछ कर नहीं पाते । वो बस नर्म होने की कोशिश करते हैं ।

"आओ, खाना खा लो ।" अचानक से बेटे जब बाप से ऐसा सुनते हैं तो पहले यकीन ही नहीं कर पाते कि पिता जी इतना प्यार से खाना के लिए पूछ रहे हैं । उनका मन करता है लेकिन उनको यही लगता है फिर पास बिठा कर लेक्चर ही देंगे। इसीलिए ढीली सी जुबान से कह देते हैं, "वो, एक ठो काम से जल्दी जाना है । आप खाइए, हम आ कर खाते हैं ।" 

पिता भी मन ही मन गरिया कर रह जाते हैं, "हां ससुर हम तो खा ही लेंगे । तुम बड़े वजीर हो जो सारा मसरूफियत तुम्हीं पर आ गया है ।" 

पहनने, खाने, आने, जाने, दोस्ती, महीमी, सब बात में पिता अपनी सलाह देना चाहते हैं लेकिन नई पीढ़ी उनकी भला क्यों सुने । फिर पिता को भी याद आ जाता है कि उन्होंने भी कहां सुना था । समझदार बाप बेटे को नहीं समझाता, उसे पता है इसमें दोनों का समय जाएगा । वो बस तैयार रहते हैं कि बेटा जब कहीं फंस जाए तो उसे उस फट्टे निकालना कैसे है । समझदार बाप पहले बेटे की गलती को समेटता है, फिर उसे समझाता है । ये गर्म लोहे पर चोट जैसा होता है । 

समझदार बेटे गलती होने से पहले समझ जाते हैं कि बाप जो कह रहा है वो सही है क्योंकि वो बाप है, उसने वो सब देखा है जिसे देखने की हम अभी कल्पना ही कर रहे हैं । वे समय निकाल कर बाप के पास बैठते भी हैं, उनके साथ खाना भी खाते हैं । क्योंकि वो जानते हैं बाप के साथ खाना खाने में। सुख है लेकिन बाप के ना होने पर उन्हें अपने बगल में बिठा कर उन्हें खाना खिलाने की कल्पना करना इतना पीड़ादायक है कि चाहे पर भी चीख नहीं निकलती । 

अफसोस हम समझदार बेटे नहीं थे, इसीलिए आज चीख भी नहीं सकते । बस पिता को बगल में बिठा कर खाना खिलाने की कल्पना कर सकते हैं । 

पा, खाने में नमक ज्यादा कम के लिए पहले ही माफी मांगते हैं । जैसा हो खा लीजिएगा और सभी बेटों पर आशीर्वाद बरसाइएगा । और सुनिए आप एक शानदार बाप रहे हैं, आप हमेशा हमारा वो घमंड रहेंगे जिसे हम कभी टूटने नहीं देंगे 🙏🙏

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