राम राम.....प्रणाम....
सेठ जी को बेचैनी हो रही थी....रात के एक बज रहे थे और नींद कोसों दूर थी....
सोने की कोशिश जारी रही....काफी समय निकल गया... नींद फिर भी नहीं....समय देखा- सवा दो बज रहे थे...
सोचा कार उठा कर शहर घुमा जाए...निकल पड़े...सभी सड़कें देख लीं....
एक छोटे से मंदिर में लाइट जलती हुई दिखी...सोचा भगवान से ही मदद मांगी जाए...
मंदिर के अंदर गए तो देखा- एक आदमी मूर्ति के सामने बैठा है....
वो उठा तो सेठ जी ने निराशा की वजह पूछी....मालूम पड़ा सवेरे उसकी पत्नी का ऑपरेशन था जिसके लिए उसे कुछ पैसों की सख्त आवश्यकता थी....
सेठ जी ने अपने कुर्ते की जेब में हाथ डाला...जीतने निकले सारे दे दिए....और कहा - ""मेरा ये card रख लो...और पैसों की जरूरत हो तो खबर कर देना""
उस व्यक्ति ने कहा...."" नहीं नहीं...card की जरूरत नहीं है....मेरे पास उस प्रभु का card है जिसने इतनी रात गए सेठ को इस मंदिर में मदद के लिए भेजा""
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उस व्यक्ति की पत्नी का ऑपरेशन सफल रहा....
और ना जाने क्यों सेठ को भी लौटकर बहुत अच्छी नींद आई....
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