रिटायर्ड कर्नल के दुनिया में सबसे सुखी इंसान होने का रहस्य

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रिटायर्ड कर्नल के दुनिया में सबसे सुखी इंसान होने का रहस्य
प्रसंग ..1
भगवान महादेव की ज्ञान सभा, बरगद के पेड़ के नीचे चालू थी। सभी ऋषि मुनि अपने अपने शंकाओं का निवारण कर रहे थे।
उन्ही में एक कालयूगी ऋषि बाबा महालिंगम स्वर्ग सिधार कर हाल ही में ज्ञान सभा में उपस्थित थे।
मौका देख कर उन्होंने अपनी जिज्ञासा शांत करने के लिए, महादेव से पूछ ही लिया। कि हे महादेव, दुनिया में सबसे सुखी यक्ति कौन है।
महादेव ने मुस्कुरा कर पलट कर महालिंगम से पूछा , कि उनके इतने शिष्य थे, तो क्या उनमें से कोई सुखी नही था। महालिंगम बोले की मैंने किसी को भी पृथ्वी पर खुश नही देखा।
महादेव ने फिर पूछ ही लिया की क्या कभी उनका साक्षात्कार किसी रिटायर्ड  कर्नल से नही हुआ। महालिंगम आश्चर्य से बोले, कि वे इस वर्ग के किसी भी व्यक्ति को कभी भी नहीं देखा।
महादेव जोर जोर से हंसे और बोले, महालिंगम, दुनिया का सबसे सुखी यक्ति रिटायर्ड कर्नल ही होता है, इसी लिए वो किसी बाबा वगैरह के पास नही जाता। क्योंकि उसके पास हमेशा समयाभाव ही रहता है।
महालिंगम चकित हो गए, और बोले , विश्वास ही नहीं होता ।
तत्पश्चात महादेव ने चित्रगप्त जी को आज्ञा दी , की बाबा महालिंगम का पृथ्वी का टेन्योर एक्सटेंड करके उन्हे शोध के लिया वापस भेजें और जब उनकी जिज्ञासा शांत हो जाए तभी उन्हें वापस बुलाया जाए।
तुरंत चित्रगुप्त जी के आदेश पर यमदूत बाबा महालिंगम को वापस उनके आश्रम में सुबह होने से पहले छोड़ आए।
उनके शिष्यों ने उन्हें जिंदा देख कर तुरंत मातम बंद कर दिया और डुगडुगी पिटवाई की बाबा जी कुछ शोध के लिए फिर अवतरित हो गए है। बड़ी श्रद्धा से भीड़ लग गई। 
 *प्रसंग 2* 
बाबा जी ने अपने एक सीनियर शिष्य को आदेश दिया कि किसी रिटायर्ड कर्नल नमक व्यक्ति को उनके समक्ष पेश किया जाए।
बहुत खोज बीन करने के बाद भी जब किसी रिटायर्ड कर्नल को बाबा जी के समक्ष लाने में असफल हो गए, तो बाबा जी ने कारण जानना चाहा, तो शिष्यों ने बताया कि सभी रिटायर्ड कर्नल इतने सुखी है और किसी के पास अतरिक्त समय ही नहीं है बाबा जी से मिलने का।
बाबा महालिंगम को घोर आश्चर्य हुआ, उन्होंने कहा की ये तो बहुत ही दुर्लभ प्रसंग है, दुनिया के सारे यक्ति बाबा महालिंगम से मिलने की कोशिश करते थे पर केवल कुछ को बाबा जी के दर्शन सुलभ हो पाते थे। अतः कोतुहल वश बाबा जी ने कहा,की उनकी मुलाकात का प्रबंध किसी रिटायर्ड कर्नल से तुरंत किया जाए।
प्रसंग,  3
बड़ी कोशिश के बाद उनके एक राजनीति शास्त्र वाला शिष्य बड़ी मुश्किल से, एक फाइटिंग आर्म से  रिटायर्ड  हुए कर्नल साहब को , जिनका 90 प्रतिशत समय अग्रिम सीमाओं पर ही गुजरा था, उन्हे मिलने के लिए राजी कर पाया।
 *प्रसंग 4* 
जब शिष्य बाबा जी को लेकर वेटरन कर्नल साहब के पास पहुंचा, जो सूट टाई मे थे, और वहां पहले से कुछ लोग मौजूद थे कुछ टीवी वाले भी रिटायर्ड कर्नल साहब का इंटरव्यू ले रहे थे, पता लगा की हमास इसराइल के युद्ध के बारे में चैनल वाले इंटरव्यू ले रहे है। और वे चटकारे लेकर अपने UN मिशन और फील्ड एक्सपीरियंस के दम पर व्यूज दे रहे थे।
किसी अटेंडेंट ने शिष्य और बाबा जी को लिविंग रूम में एक कोने में सोफे पर बैठा कर इंतजार करने को कहा। बाबा जी को जिंदगी मे पहली बार  अजीब अजीब लग रहा था। इंतजार के तो वे आदि नही थे
कुछ समय बाद कर्नल साहब के स्टडी रूम से टीवी वाले खुशी खुशी वारतालाप करते निकले साथ में कर्नल साहब से दुबारा टाइम लेने की रिक्वेस्ट भी करते दिखे। उन्हे विदा करके कर्नल साहब ने बाबा जी की तरफ देखते हुए अभिवादन जय हिंद करके किया और उनकी कुशल क्षेम पूछी। उसी समय कोई अटेंडेंट पानी और जूस लेकर आ गया कुछ फल वगैरह भी थे जो बाबा जी को बड़े आदर से ऑफर किया गया, पर साथ ही कर्नल साहब अपनी घड़ी भी देखते रहे और मोबाइल पर फोन भी अटेंड करते दिखे। साथ में वे व्हाट्स यूनिवर्सिटी भी अटेंड कर रहे थे।बाबा जी तो घोर आश्चर्य में थे। 
अंत में कर्नल साहब ने फ्री होकर बाबा जी का आने का प्रयोजन जानना चाहा। बाबा जी ने जब बताया कि वे जानना चाहते है की ऐसा क्या है कि बैकुंठ में भी कर्नल साहबों को सबसे खुशकिस्मत माना जा रहा है। क्या रहस्य है। 
वार्तालाप हो ही रहा था की कर्नल साहब के गोल्फ फोरसम का निर्देश आ गया की 3.30 pm sharp T off है।
कर्नल साहब ने कहा कि बाबा जी सबसे पहले तो आप देख ही रहे है की मेरी दिनचर्या पूरी तरह व्यस्त है। सुबह चाय, फिर वाक, फिर न्यूज पेपर और फिर t v news , नाश्ता , *तत्पश्चात या तो व्याख्यान या पोस्टिंग व्हाट्स एप यूनिवर्सिटी* पर। ये सब करते लंच टाइम हो जाता है । इसी बीच मेरे फील्ड एक्सपीरियंस का लुफ्त उठाने आस पड़ोस के लोग या फिर कुछ टीवी वाले कहानियां सुनने आ ही जाते है। स्ट्रेटेजिक व्यूज और मेरे चटपटे फील्ड एक्सपीरियंस की कहानियां फुरसत में आप कहें तो आपको भी सुना सकता हूं।।आप देख ही रहे है next item golf fixed है। वापस आने तक ड्रंक्स का टाइम हो जाता है यार दोस्त आ जाते हैं। डिनर और व्हाट्स एप करते कब सो जाता हूं पता ही नही लगता।
बाबा जी अब तक पूरे कन्फ्यूज्ड हो चुके थे। पूछा के गुजारा कैसे चलता है। तपाक से कर्नल साहेब ने बोला कि OROP 2 मिल ही गया है, और OROP 3 आने वाला है। बैंक वाले पहले से ही FD के लिए बार बार फोन कर रहे है। अतः गुजारा चल ही रहा है।😜😜
बाबा जी से रहा भी नही गया, पूछ ही लिया कि क्या वो खुश हैं। तपाक से कर्नल साहब बोले, बाबा जी यहां सोचने का वक्त नहीं है की मैं खुश हूं या नहीं। रिटायरमेंट के बाद बस सुबह होती है और रात हो जाती है। केवल परिवार के लिए थोड़ा टाइम ही निकल पाता है। इसके लिए मैडम की चिक चिक के लिए बड़ी मुश्किल से वक्त निकलता है।इसके अलावा सैटरडे ,sunday तो पहले से बुक होते हैं। 
अब तक मोबाइल में कई बार घंटी बज चुकी थी। कर्नल साहेब फोन करने वाले को आश्वत कर रहे थे की वो टाइम पर t off पर  पहुंचेंगे।
फिर शिकायत भरे लहजे से वे बाबा जी को बोले की *अब मेरा समय गोल्फ का है आपको जो मैने समय दिया वो एक्चुअली व्हाट्स एप यूनिवर्सिटी* का था।
ये कह कर कर्नल साहेब बाबा जी को C Off करके गोल्फ की तरफ प्रस्थान कर गए और बाबाजी तथा उनके शिष्य को भौचक्का छोड़ गए।
 *प्रसंग ,5* 
बाबा जी ने महादेव से शिकायत की , कि  उन्हें बाबाजी क्यों बनाया, फौजी क्यों नही बनाया सारी मौज तो फौज में है। और फिर विनती की, कि अगले जन्म में उन्हे फौजी ही बनाना।😀😀😀😀😀 इसको कहते हैं कर्नल मार्का खुशी।

 *Statutory caveat* 
इन  प्रसंगों में वर्णित सभी प्रसंग काल्पनिक है और प्रेक्षक किसी भी संभावना के लिए जहां किसी की रियल लाइफ से मैच करता हो, के लिए responsible नही  होगा।
जय हिंद।

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