How these banks came into existence?

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 निजी क्षेत्र के 3 सबसे बड़े बैंक, यानी ICICI,  HDFC, और AXIS बैंक - ये तीनों कभी सरकारी हुआ करते थे, लेकिन नरसिम्हा राव की सरकार में वित्त मंत्री रहे डॉ.मनमोहन सिंह ने इन्हें बेच दिया!*

*ICICI का पूरा नाम था इंडस्ट्रियल क्रेडिट एंड इन्वेस्टमेंट कारपोरेशन ऑफ़ इंडिया! यह भारत सरकार की ऐसी संस्था थी, जो बड़े उद्योगों को ऋण देती थी!*

*किन्तु एक झटके में वित्त मंत्री मनमोहनसिंह ने विनिवेश कर, इसे प्राइवेट बना दिया,और इसका नाम ICICI बैंक हो गया!*

*आज जो HDFC बैंक है, उसका पूरा नाम हाउसिंग डेवलपमेंट कारपोरेशन ऑफ़ इंडिया था! यह भारत सरकार की ऐसी संस्था थी, जो मध्यम वर्ग के नागरिकों को सस्ते ब्याज पर होम लोन देने का काम करती थी!*

*नरसिम्हा राव सरकार में वित्त मंत्री रहे मनमोहन सिंह ने कहा, "सरकार का काम केवल प्रशासन करना है, होम लोन बेचना नहीं है!*"

*और एक झटके में वित्त मंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने HDFC बैंक को बेच दिया! और यह निजी क्षेत्र का बैंक बन गया!*

*ऐसी ही रोचक कहानी AXIS बैंक की भी है!*

*भारत सरकार की एक संस्था हुआ करती थी*, उसका नाम था *यूनिट ट्रस्ट ऑफ इंडिया UTI!*

*यह संस्था लघु बचत को बढ़ावा देने के लिए बनाई गई थी! यानी आप इसमें छोटी-छोटी राशि जमा कर सकते थे!*

*नरसिम्हा राव सरकार में वित्त मंत्री मनमोहन सिंह ने कहा, "सरकार का काम चिटफंड की स्कीम चलाना नहीं है!"*

*और एक झटके में इसे बेच दिया गया! पहले इसका नाम UTI बैंक हुआ,और बाद में इसका नाम AXIS बैंक हो गया!*

*इसी तरह आज IDBI एक प्राइवेट बैंक है! एक समय में यह भारत सरकार की संस्था हुआ करती थी, जिसका नाम था इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट कारपोरेशन ऑफ़ इंडिया! इसका भी काम उद्योगों को ऋण देना था! लेकिन मनमोहन सिंह ने इसे भी बेच दिया! और आज यह *निजी बैंक बन गया है!*

*अपनी याददाश्त को कमजोर न होने दें कभी!*

*विनिवेश नीति को भारत में कौन लाया था? जरा खोज लो!*

*नरसिम्हा राव के समय में मनमोहन सिंह वित्त मंत्री थे, तब डॉ. मनमोहन सिंह ने संसद में कहा था, "मैक्सिमम गवर्नमेंट, लेस गवर्नेंस!"*

*उन्होंने कहा था, कि "सरकार का काम व्यवसाय (धंधा) करना नहीं, सरकार का काम प्रशासन देना है! ऐसा वातावरण देना है, कि देश के नागरिक यह सब काम कर सकें!"*

*डॉ. मनमोहन सिंह ने ही सबसे पहले "टोल टैक्स पॉलिसी" लागू की थी! यानी "निजी कंपनियों द्वारा सड़क बनाओ, और उन कंपनियों को टोल टैक्स वसूलने की अनुमति दो!"*

*डॉ. मनमोहन सिंह ने "सबसे पहले एयरपोर्ट के निजी करण" को आरंभ करवाया था, और सबसे पहले दिल्ली के "इंदिरा गांधी एयरपोर्ट"को GMR समूह को व्यवसायिक स्वरूप से चलाने के लिए दिया गया!*

*आज *चम्पक* उछल-उछल कर नाच-नाच कर, बेसुरा राग गा रहा है, कि "सरकारी कंपनियों को मोदी ने अपने मित्रों को बेच दिया!"*

*डॉ. मनमोहन सिंह करें तो - विनिवेश!और मोदी करें तो - देश को बेचा!!*

 २००९-१० में डॉ. मनमोहन सिंह ने ५ सरकारी कंपनियां बेचीं!

१. HPC Ltd.;
२. OIL - ऑयल इंडिया लिमिटेड;
३. NTPC - नेशनल थर्मल पावर कॉर्पोरेशन;
४. REC - ग्रामीण विद्युतीकरण निगम;
५. NMDC - राष्ट्रीय खनिज विकास निगम!

२०१०-११ में डॉ. मनमोहन सिंह ने ६ सरकारी कंपनियाँ और बेचीं!

१. SJVN - सतलुज जल विद्युत निगम लिमिटेड;
२. EIL - इंजीनियर्स इंडिया लिमिटेड;
३. CIL - कोल इंडिया लिमिटेड;
४. PGCIL - पावर ग्रिड कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया;
५. MOIL - मैंगनीज ऑर इंडिया लिमिटेड;
६. SCI - शिपिंग कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया!

२०११-१२ में डॉ. मनमोहन सिंह ने २ सरकारी कंपनियाँ और बेचीं!

१. PFC - पावर फाइनेंस कॉर्पोरेशन;
२. ONGC - तेल और प्राकृतिक गैस निगम!

२०१२-१३ में डॉ. मनमोहन सिंह ने बेचीं और ८ सरकारी कंपनियां!

१. SAIL - भारतीय इस्पात प्राधिकरण लिमिटेड;
२. NALCO - नेशनल एल्युमीनियम कंपनी
    लिमिटेड;
३. RCF - राष्ट्रीय रसायन और उर्वरक;
४. NTPC - नेशनल थर्मल पावर कॉर्पोरेशन;
५. OIL - ऑयल इंडिया लिमिटेड;
६. NMDC - राष्ट्रीय खनिज विकास निगम;
७. HCL - हिंदुस्तान कॉपर लिमिटेड;
८. NBCC - एनबीसीसी!

२०१३-१४ में डॉ. मनमोहन सिंह ने १२ और सरकारी कंपनियां बेचीं!

१. NHPC - नेशनल हाइड्रो-इलेक्ट्रिक पावर
    कॉर्पोरेशन;
२. BHEL - भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड;
३. EIL - इंजीनियर्स इंडिया लिमिटेड;
४. NMDC - राष्ट्रीय खनिज विकास निगम;
५. CPSE - सीपीएसई-एक्सचेंज ट्रेडेड फंड;
६. PGCI - पावर ग्रिड कॉर्पोफ़ इंडिया लिमिटेड;
७. NFL - राष्ट्रीय उर्वरक लिमिटेड;
८. MMTC - धातु और खनिज व्यापार निगम;
९. HCL - हिंदुस्तान कॉपर लिमिटेड;
१०. ITDC - भारतीय पर्यटन विकास निगम;
११. STC - स्टेट ट्रेडिंग कॉर्पोरेशन;
१२. NLC - नेयवेली लिग्नाइट कॉर्पोरेशन लि०

इन सभी का प्रमाण भी है... 

 १. वित्त मंत्रालय, केंद्र सरकार के द्वारा, "निवेश और सार्वजनिक संपत्ति प्रबंधन" विभाग की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएँ - www.dipam.gov.इन

 २. सबसे पहले Dis-Investment पर क्लिक करें! इसके बाद Past Dis-Investment पर क्लिक करें!

 ३. पोस्ट में दिए गए सभी जानकारियां (डेटा) वहां उपलब्ध हैं!

यह पोस्ट उन नागरिकों के आँखे खोलने के लिए किया है, और जो सोचते हैं कि मोदी देश को बेच रहे हैं! मोदी देश को बेच रहे है या डॉ. मनमोहन सिंह पहले ही देश को बेच चुके हैं!

आपकी भाषा में डॉ. मनमोहन सिंह ने २००९-१४ में ५ वर्षों में ३३ बार २६ सरकारी कंपनियों को बेचा!


*जनता को यह सोचना चाहिए समझना चाहिए कि किसका साथ देना है और किसका नहीं।*

*वंदे मातरम.....जय हिंद*
 
🇮🇳🇮🇳

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